अयोध्या
राम जन्म
राम , लक्ष्मण , भरत , शत्रुघ्न
गुरुकुल गए हे चारो भाई
और तारा देवी अहिल्या को
फिर शिव धनुष तो तोडा और देवी सीता को जीता
श्री राम विवाह - सीता स्वयंबर माता पिता की मानी आज्ञा गए वनवास - श्री राम,लक्ष्मण और सीता
श्री राम - भरत मिलन
मिले भरत से दोनों भाई
चरण पादुका भरत ने पाई
पतिव्रता थी देवी अनुसुइया जिसने दिए माता को वस्त्र
वह वस्त्र थे जो न कभी फटे और न ही कभी मेले हुए
पंचवटी का द्रश्य मनोहर
रावण ने किया छल
माता सीता का धोके हरण
शबरी ने दिए प्रभु को मीठे बेर- भक्ति प्रेम
फिर हनुमान और सुग्रीव से मिले प्रभु
सुग्रीव को दिलाया राज्य करा बाली वध
माता सीता की खोज कर वीर हनुमान ने किया लंका दहन
फिर श्री राम ने की शिव आराधना और समुद्र से मांगा मार्ग
नल और नील दो भाई द्वारा
भगवन राम नाम के पत्थरो से बनाया सेतु
जब लक्ष्मण के मूर्छित होने पर
हनुमत लाये संजीवनी
और हुआ बुराई का अंत - रावन दहन
हनुमत तुम भारत समान
फिर हुआ राज तिलक
महारानी सीता सहित राजा राम सिंघासन पर
अब वन में भेजी सीता जहा हुए लव - कुश दो भ्राता
माता ने दी और परीक्षा
अब थकी हुई माँ सीता समाई धरती में
अब प्रभु पधारे वैकुंठ धाम - बोलो जय जय सिया राम