धाकड़ माहेश्वरी
में विध्यमान खाप
- (1) काबरा (17) बाहेती
- (2) कासट (18) भटटड
- (3) नागोरी (19) भंसाली
- (4) गगरानी (20) चांडक
- (5) गट्टानी ( गूगले) (21) मोहता
- (6) मनिहार (मानिवार) (22) मूंदड़ा
- (7) जाखेटिया (23) मालपानी
- (8) झवर (24) राठी
- (9) टुवानी (25) कुलुम
- (10) डागा (26) लाहोटी
- (11) दाड (27) सारडा
- (12) तापडिया (बघेरवाल ) (28) सोमानी
- (13) धारवा (29) धिवा
- (14) धारवाड़ (30) तोसनिवाल
- (15) लाड (लड्डा) (31) मौरी
- (16) बजाज (करोड़ी ) (32) सौकोंया
काकड़ वाल्या माहेश्वरी
माहेश्वरियो के 72 गोत्र में से 15 खाप (गोत्र ) के माहेश्वरी परिवार अलग होकर ग्राम काकरोली राजिस्थान में बस गए और इन्होने भी घर त्याग करने के पहले संकल्प किया की वे हाथी दांत का चुडा व मोतीचूर की चुन्धरी कम में नहीं लावेंगे अतः आज भी काकड़ वाल्या महेश्वरी शादी में इन चीजो का व्यव्हार नहीं करते l
इनका रहन सहन शुद्ध सात्विक व उत्तम हे तथा इनका व्यव्हार धाकड़ महेश्वरी ओ से मिलता जुलता हे इसी कारण धाकड़ माहेश्वरी और काकड़ वाल्या माहेश्वरी में परस्पर रोटी तथा बेटी व्यावहार है l
1- ढलवानी 2- नानाव्थ्या
3- पलानवंश 4 - सांडल
5- कांकाणी (गहलोद ) 6- पिसन्या
7- तापंडे (पण्डे ) 8- लिलाव्यथ्या
5- कांकाणी (गहलोद ) 6- पिसन्या
7- तापंडे (पण्डे ) 8- लिलाव्यथ्या
9- सोपसिया 10-खराडा
11- वेद 12- जुलाहा
13- दीलोदिया 14- मोरी
15- लोधिवाल
पुरानी माहेश्वरी समाज की बुक से पता चला हे की आज तक उपरोक्त सभी खाप (गोत्र ) में से आज कुछ खाप विलुप्त हो गई हे l
NOTE :- यह तथ्य मेने धाकड़ माहेश्वरी समाज की ही पुरानी बुक में से बताया हे l यदि किसी समाज बंधू को इसमें त्रुटी दिखाई पड़ती हे तो में छमा चाहता हु और हा please मुझे e-mail करे उसमे सही जानकारी लिख दे जिससे में इसे सुधार सकू …